आज के दिन ये धरती ख़ुश है नीला सा ये आसमान ख़ुश है, आज मना रहे,हम बसंत पंचमी स्कूल क आज के दिन ये धरती ख़ुश है नीला सा ये आसमान ख़ुश है, आज मना रहे,हम बसंत पंच...
सिक्कों का ईंधन पड़ता है आज कलम की चालों में। सिक्कों का ईंधन पड़ता है आज कलम की चालों में।
जो मुझे अभी छोड़ना नहीं चाहते हैं। बार- बार मनोज कहकर पुकारते हैं। जो मुझे अभी छोड़ना नहीं चाहते हैं। बार- बार मनोज कहकर पुकारते हैं।
मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए मैं एक कवि कवि ने खुद को ही प्रस्तुत किया है कविता के घर में पनाह माँगते हुए
शब्दों की भीड़ में मैं कवि को ढूँढ़ रही हूँ शब्दों की भीड़ में मैं कवि को ढूँढ़ रही हूँ
हमारा गुज़रा हुआ कल हमारे आज से यादों के धागों से हमेशा जुड़ा रहता है....... हमारा गुज़रा हुआ कल हमारे आज से यादों के धागों से हमेशा जुड़ा रहता है.......